IAS Training News 2025: लोकसभा अध्यक्ष ने 2023 बैच के IAS प्रशिक्षुओं को भारतीय मूल्यों और लोकतांत्रिक आदर्शों पर आधारित सेवा की प्रेरणा दी
लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला ने संसद परिसर में 2023 बैच के IAS अधिकारी प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय सिविल सेवा देश की रीढ़ है और यह प्रशासनिक व्यवस्था भारतीय लोकतंत्र की स्थिरता और प्रगति का प्रमुख स्तंभ है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे 'विकसित भारत 2047' (Viksit Bharat 2047) के विजन को अपने जीवन का ध्येय बनाएं और अपनी सेवा को भारतीय मूल्यों, संस्कृति और लोकतांत्रिक आदर्शों से मार्गदर्शित करें।

भारतीय सेना की तरह सिविल सेवाएं भी राष्ट्र की सुरक्षा और विकास की मजबूत दीवार
श्री बिड़ला ने कहा कि जैसे हमारी सेनाएं सीमाओं की रक्षा करती हैं, वैसे ही सिविल सेवाएं देश के भीतर सुशासन और जनकल्याण सुनिश्चित करती हैं। उन्होंने कहा कि नव-नियुक्त अधिकारी प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करें। उन्होंने प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि वे अपने कार्य में अनुशासन, सेवा भाव और निरंतर आत्म-मूल्यांकन को शामिल करें।
'विकसित भारत 2047' का सपना साकार करने में IAS अधिकारियों की अहम भूमिका
लोकसभा अध्यक्ष ने ज़ोर देकर कहा कि भारत आज सामाजिक और राजनीतिक रूप से तेजी से बदल रहा है और इस परिवर्तन के केंद्र में सिविल सेवाएं हैं। उन्होंने कहा कि देश की आशाएं और आकांक्षाएं इन अधिकारियों से जुड़ी हैं। चाहे वह पिछड़े और आदिवासी क्षेत्रों का विकास हो, तकनीक के माध्यम से गरीबों के जीवन में सुधार लाना हो या सेवाओं की अंतिम छोर तक पहुंच हो — हर पहलू में IAS अधिकारियों की सक्रिय भूमिका ज़रूरी है।
तकनीक के माध्यम से जनसेवा में पारदर्शिता और गति
श्री बिड़ला ने उभरती तकनीकों जैसे Artificial Intelligence, Data Analytics और e-Governance प्लेटफॉर्म को प्रशासनिक कार्यों में समाहित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि एक तकनीक-सक्षम नौकरशाही तेज निर्णय लेने, जनता से सीधा संवाद स्थापित करने और जनसेवा के मैकेनिज्म को सरल बनाने में कारगर है। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को लगातार नयी तकनीकों में खुद को अपडेट करने की सलाह दी।
महिलाओं की रिकॉर्ड भागीदारी: समावेशी और प्रगतिशील भारत की पहचान
लोकसभा अध्यक्ष ने 2023 बैच में महिलाओं की अब तक की सबसे अधिक भागीदारी पर गर्व जताते हुए कहा कि यह भारत की बदलती सामाजिक संरचना का संकेत है। कुल 180 प्रशिक्षु अधिकारियों में से 73 महिला अधिकारी थीं, जो सिविल सेवा में लैंगिक समानता की दिशा में एक बड़ा कदम है।
लोकसभा सचिवालय ने आयोजन को बनाया यादगार
इस कार्यक्रम में लोकसभा के महासचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने स्वागत भाषण दिया, जबकि संयुक्त सचिव श्री गौरव गोयल ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। कार्यक्रम में उपस्थित सभी अधिकारियों को भारतीय लोकतंत्र, संविधान और शासन तंत्र की गहराई से जानकारी दी गई।
निष्कर्ष:
लोकसभा अध्यक्ष का यह संबोधन न केवल प्रेरणास्पद था बल्कि यह आने वाली पीढ़ी के अधिकारियों के लिए एक मार्गदर्शक भी साबित होगा। देश को विकसित बनाने की दिशा में युवा IAS अधिकारियों की सक्रिय और संवेदनशील भूमिका अनिवार्य है।