अब लोन की EMI नहीं चुकाने पर सीधे नहीं होगी सख्त कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत! EMI New Rules

Category: finance » Post by: Jaswant Jat » Update: 2025-05-07

Supreme Court Big Decision, EMI New Rules: अगर आपने बैंक या किसी फाइनेंस कंपनी से लोन लिया है और किसी वजह से EMI चुकाने में असफल हो रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में लोन डिफॉल्ट से जुड़े एक अहम मामले में बड़ा फैसला सुनाया है, जिससे लाखों लोन धारकों को राहत मिल सकती है।

अब लोन की EMI नहीं चुकाने पर सीधे नहीं होगी सख्त कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत! EMI New Rules

EMI New Rules: क्या था मामला?

यह पूरा मामला एक व्यक्ति राजेश से जुड़ा है, जिसने साल 2013 में महिंद्रा कंपनी की कार खरीदी थी। राजेश ने 1 लाख रुपये की डाउन पेमेंट करने के बाद फाइनेंस के जरिए कार खरीदी और हर महीने 12,531 रुपये की EMI तय हुई। शुरुआती 7 महीने तक राजेश ने किस्तें भरीं, लेकिन उसके बाद भुगतान बंद कर दिया।

फाइनेंस कंपनी ने करीब 5 महीने तक इंतजार किया और फिर कार को जब्त कर लिया। इस पर राजेश ने उपभोक्ता अदालत का रुख किया और कहा कि बिना कोई नोटिस दिए कंपनी ने गाड़ी जब्त कर ली, जो पूरी तरह गलत है।

Supreme Court Big Decision: उपभोक्ता अदालत का फैसला

उपभोक्ता अदालत ने फाइनेंस कंपनी को जिम्मेदार ठहराते हुए उस पर 2 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया। अदालत का कहना था कि कंपनी ने ग्राहक को किस्त चुकाने का पर्याप्त मौका नहीं दिया और कोई पूर्व नोटिस भी नहीं भेजा।

Supreme Court Big Decision: सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

इस फैसले के खिलाफ फाइनेंस कंपनी सुप्रीम कोर्ट पहुंची। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उपभोक्ता अदालत के फैसले को جزवी तौर पर पलट दिया। कोर्ट ने माना कि ग्राहक ने स्वयं यह स्वीकार किया कि केवल 7 किस्तें ही भरी थीं।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि बिना नोटिस दिए कार जब्त करना गलत था। इसलिए कोर्ट ने फाइनेंसर पर 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया।

SBI Personal Loan: SBI बैंक दे रहा बिना गारंटी 15 से 20 लाख तक का लोन, जानें पूरी जानकारी

SBI Personal Loan: SBI बैंक दे रहा बिना गारंटी 15 से 20 लाख तक का लोन, जानें पूरी जानकारी



लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित करने से पहले जरूरी है सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य अहम टिप्पणी में कहा कि लोन अकाउंट को ‘फ्रॉड’ घोषित करने से पहले लोन धारक को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका मिलना चाहिए। सिर्फ लोन न चुकाने की वजह से किसी को डिफॉल्टर या फ्रॉड करार देना न्याय संगत नहीं है।

चीफ जस्टिस की अगुवाई में बेंच ने यह भी कहा कि यदि लोन डिफॉल्ट होता है तो FIR दर्ज की जा सकती है, लेकिन उससे पहले फ्रॉड डिक्लेयर करना जरूरी नहीं है। लोन को फ्रॉड घोषित करना एक गंभीर कदम है, जिससे लोन धारक का सिबिल स्कोर खराब हो सकता है और वह भविष्य में लोन लेने से वंचित हो सकता है।

क्या बदल जाएगा इस फैसले के बाद?

  • अब फाइनेंस कंपनियां या बैंक बिना पूर्व नोटिस दिए लोन से जुड़ी संपत्ति जब्त नहीं कर सकेंगी।
  • किसी भी ग्राहक को फ्रॉड घोषित करने से पहले उसे जवाब देने का मौका देना अनिवार्य होगा।
  • लोन अकाउंट पर सीधी सख्त कार्रवाई करने से पहले सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी।

निष्कर्ष

अगर आपने किसी कारणवश लोन की EMI नहीं चुकाई है तो घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन सजग रहना बेहद जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से यह साफ हो गया है कि लोन डिफॉल्ट के मामलों में भी फाइनेंसर और बैंक को नियमों का पालन करना होगा। ग्राहक को पूरा अवसर दिया जाएगा कि वह अपना पक्ष रख सके।