Breaking News Raipur: नवा रायपुर होलसेल कॉरिडोर योजना रद्द, सरकार ने जमीन आवंटन और अधोसंरचना विकास पर लगाई रोक
रायपुर, 10 मई 2025 (HTFY वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर में प्रस्तावित Wholesale Corridor Project को राज्य सरकार ने पूरी तरह रद्द कर दिया है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत देश का सबसे बड़ा थोक बाजार बनाने की योजना थी, लेकिन अब इस प्रोजेक्ट पर पूरी तरह विराम लगा दिया गया है। साथ ही, जमीन आवंटन की प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी गई है।

1083 एकड़ में बनना था थोक व्यापार का केंद्र
पूर्व सरकार ने नवा रायपुर अटल नगर के सेक्टरों में लगभग 1083 एकड़ भूमि को चिन्हित कर देश का सबसे बड़ा होलसेल कॉरिडोर विकसित करने की योजना बनाई थी। इस योजना के तहत व्यापारियों को 540 रुपए प्रति वर्गफीट की रियायती दर पर भूमि आवंटित की जानी थी। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा अधोसंरचना निर्माण की लागत का एक बड़ा हिस्सा खुद वहन करने का प्रस्ताव था।
नई सरकार ने किया प्रोजेक्ट रद्द
राज्य की नई सरकार ने इस पूरे प्रोजेक्ट को निरस्त कर दिया है। अब यह स्पष्ट किया गया है कि नवा रायपुर में कोई भी भूमि आवंटन सीधी बिक्री या रियायती दरों पर नहीं किया जाएगा। भूमि केवल नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से ही आवंटित की जाएगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और राजस्व की क्षति न हो।
रु. 100 करोड़ के विकास कार्यों पर भी लगी रोक
नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण (NRDA) द्वारा इस क्षेत्र में सड़क, नाली, बिजली और पानी जैसी सुविधाओं के विकास के लिए लगभग 100 करोड़ रुपए की परियोजना को मंजूरी दी गई थी। जिसमें से 30 करोड़ रुपए केवल सड़क निर्माण पर खर्च किए जाने थे। अब इस पर भी फिलहाल ब्रेक लग गया है, और नई दिशा में विचार किया जा रहा है।
नई योजना की तैयारी शुरू
सरकार अब एक नवीन होलसेल कॉरिडोर योजना को नए प्रारूप में लाने की दिशा में कार्य कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, नई योजना में विशेष ध्यान वाणिज्यिक निवेश, बसाहट, और स्मार्ट अधोसंरचना पर होगा। सरकार का उद्देश्य एक ऐसी योजना बनाना है जो पारदर्शिता, प्रतिस्पर्धा और दीर्घकालिक निवेश को बढ़ावा दे सके।
क्या कहते हैं व्यापारिक वर्ग?
इस निर्णय को लेकर व्यापारिक संगठनों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ व्यापारियों का कहना है कि यदि पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा के माध्यम से बेहतर योजना लाई जाती है, तो यह दीर्घकालिक दृष्टि से राज्य के लिए लाभदायक होगा। वहीं कुछ व्यापारी पूर्व योजना में निवेश की तैयारी कर चुके थे, वे इस बदलाव से निराश नजर आ रहे हैं।
निष्कर्ष: राज्य सरकार का यह कदम एक तरफ पारदर्शिता और आर्थिक संतुलन को बढ़ावा देने की दिशा में देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इससे जुड़े व्यापारिक हितधारकों को कुछ समय के लिए झटका भी लगा है। अब देखना यह होगा कि नवा रायपुर का भविष्य किस दिशा में अग्रसर होता है।