Cobra Capital Of India – Agumbe भारत का सबसे जहरीला गांव यहां रहते हैं सबसे ज्यादा कोबरा, हर कदम पर सर्पों की दस्तक
नई दिल्ली – भारत में सांपों को देवता का दर्जा प्राप्त है। खासकर नागों की पूजा हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा है। लेकिन क्या आपने कभी ऐसे गांव के बारे में सुना है जहां कोबरा सांपों की संख्या इतनी ज्यादा हो कि उसे "Cobra Capital of India" यानी भारत की कोबरा राजधानी कहा जाता है? कर्नाटक के घने जंगलों में बसा एक छोटा-सा गांव अगुंबे (Agumbe), इसी पहचान के लिए प्रसिद्ध है।

कोबरा की पूजा: धार्मिक परंपरा और सांस्कृतिक महत्व
most-number-of-cobras-live-in-this-village-of-india - भारतीय संस्कृति में सर्प पूजा का इतिहास हजारों साल पुराना है। नाग पंचमी जैसे पर्वों में लोग सांपों को दूध अर्पित करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। खासतौर पर भारतीय कोबरा (Indian Cobra) को देवताओं से जोड़कर देखा जाता है। भगवान शिव के गले में लिपटा नाग, या भगवान विष्णु की शैय्या पर विराजमान शेषनाग – यह सभी प्रतीक नागों की दिव्यता को दर्शाते हैं।
क्यों खास है कोबरा?
कोबरा को उसकी फन फैलाने की क्षमता, गहरी नजरें और अत्यधिक विष के कारण विशेष दर्जा प्राप्त है। यह न केवल भय का प्रतीक है, बल्कि शक्ति, ज्ञान और रक्षा का भी प्रतीक माना जाता है।
भारत में कोबरा की राजधानी: अगुंबे गांव
कर्नाटक राज्य के शिमोगा जिले में स्थित अगुंबे (Agumbe) गांव एक छोटा लेकिन अद्भुत स्थान है। यह केवल 3 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है, लेकिन इसकी पहचान पूरे भारत में है। इसे 'कोबरा की राजधानी' (Cobra Capital of India) कहा जाता है, क्योंकि यहां किंग कोबरा सहित कई प्रजातियों के जहरीले सांप बड़ी संख्या में पाए जाते हैं।
दक्षिण का चेरापूंजी
अगुंबे को "दक्षिण का चेरापूंजी" भी कहा जाता है क्योंकि यहां साल भर भारी बारिश होती है। यह गांव पश्चिमी घाट की जैव विविधता से भरपूर हरियाली के बीच स्थित है और समुद्र तल से लगभग 2700 फीट की ऊंचाई पर बसा है।
अगुंबे: प्रकृति प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए स्वर्ग
यह गांव न केवल सांपों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां पाई जाने वाली कुछ दुर्लभ प्रजातियों के कारण यह जैव विविधता का केंद्र भी बन चुका है।
यहां पाई जाने वाली कुछ प्रमुख प्रजातियां:
मालाबार ग्लाइडिंग फ्रॉग
मालाबार हॉर्नबिल
मालाबार पिट वाइपर
मेलानिस्टिक तेंदुआ (Black Panther)
हाथियों का झुंड (Gajraj)
इसके अलावा, इस क्षेत्र में कुछ दुर्लभ फफूंद की प्रजातियों के नाम भी अगुंबे से जुड़े हैं।
अगुंबे रेनफॉरेस्ट रिसर्च स्टेशन (ARRS): सांपों के लिए एक अध्ययन केंद्र
प्रसिद्ध सर्प विशेषज्ञ पद्मश्री रोमुलस व्हिटेकर ने अगुंबे में A.R.R.S. (Agumbe Rainforest Research Station) की स्थापना की। यह भारत का पहला ऐसा केंद्र बना जहाँ पर किंग कोबरा पर रेडियो टेलीमेट्री प्रोजेक्ट शुरू किया गया। इसका उद्देश्य था किंग कोबरा के व्यवहार, आवास, गतिविधियों और संरक्षण को समझना।
किंग कोबरा: अगुंबे का सबसे खतरनाक लेकिन जरूरी जीव
अगुंबे की सबसे प्रमुख पहचान किंग कोबरा (King Cobra) है – यह दुनिया का सबसे लंबा विषैला सांप है। इसकी लंबाई 18 फीट तक जा सकती है और यह अन्य सांपों को भी खा जाता है, जिसमें करैत और सामान्य कोबरा शामिल हैं। इसे एक एपेक्स प्रिडेटर (Apex Predator) माना जाता है, यानी यह भोजन श्रृंखला के शीर्ष पर होता है और पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखता है।
किंग कोबरा का पारिस्थितिक योगदान
किंग कोबरा, अपने विष के बावजूद, इंसानों से टकराव से बचता है। लेकिन यह दूसरे जहरीले सांपों की आबादी को नियंत्रित कर पारिस्थितिक तंत्र को संतुलन में रखता है। यदि यह प्रजाति न हो, तो अन्य जहरीले सांपों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हो सकती है, जो मानव और पर्यावरण दोनों के लिए खतरनाक हो सकती है।
क्या अगुंबे जाना सुरक्षित है?
हां, अगुंबे में हर साल सैकड़ों पर्यटक, शोधकर्ता और प्रकृति प्रेमी आते हैं। यहां के स्थानीय लोग सांपों से सामंजस्य बनाकर रहते हैं। हालांकि, सावधानी हमेशा जरूरी है और बिना गाइड के जंगलों में जाना मना है।
निष्कर्ष: अगुंबे – जहां हर सांस में है प्रकृति और सांपों का एहसास
भारत के कोने-कोने में विविधता है, लेकिन अगुंबे जैसा गांव दुर्लभ है। यहां सांपों को सिर्फ पूजा नहीं जाता, बल्कि उनके संरक्षण और अध्ययन के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं। अगर आप प्रकृति से प्रेम करते हैं, जीव-जंतुओं में रुचि रखते हैं और कुछ रोमांचक देखना चाहते हैं – तो अगुंबे आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन हो सकता है।