Ladki Bahin Yojana Fund Controversy: शिवसेना मंत्री संजय शिरसाट का बड़ा आरोप, SC-ST वेलफेयर बजट से diverted हुए ₹746 करोड़?
मुंबई, 11 मई 2025: महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना (Ladki Bahin Yojana) एक बार फिर विवादों में आ गई है। शिवसेना के समाज कल्याण मंत्री संजय शिरसाट ने आरोप लगाया है कि उनकी विभागीय बजट से ₹410 करोड़ की राशि इस योजना में ट्रांसफर कर दी गई है, जिससे अनुसूचित जाति (SC) और जनजाति (ST) वर्गों के लिए निर्धारित योजनाओं पर असर पड़ा है।

क्या है पूरा मामला?
हाल ही में सरकार की ओर से एक सरकारी प्रस्ताव (GR) जारी किया गया, जिसमें समाज कल्याण विभाग के बजट से ₹410 करोड़, और जनजातीय कल्याण विभाग से ₹335 करोड़ की राशि को लाडकी बहिन योजना में स्थानांतरित किया गया। कुल मिलाकर, ₹746 करोड़ की यह राशि खासतौर पर SC और ST वर्गों की महिलाओं के लिए उपयोग में लाई जा रही है।
मंत्री संजय शिरसाट ने इस पर नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा कि उनके विभाग के लिए आवंटित बजट का प्रयोग दूसरी योजना के लिए करना "फंड डायवर्जन" (Fund Diversion) है। उनका दावा है कि इससे समाज कल्याण विभाग की अन्य योजनाएं प्रभावित होंगी।
सरकारी अधिकारियों की सफाई
सरकारी अधिकारियों ने मंत्री के दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि ये कोई डायवर्जन नहीं बल्कि बजट की सामान्य प्रक्रिया है। अधिकारियों के अनुसार:
मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना के लिए ₹36,000 करोड़ का कुल बजट तय किया गया था।
इसमें से ₹28,290 करोड़ सामान्य बजट से आया, जबकि
₹3,960 करोड़ समाज कल्याण विभाग से SC महिलाओं के लिए और
₹3,250 करोड़ जनजातीय विभाग से ST महिलाओं के लिए आवंटित किया गया।
इन सभी आवंटनों को राज्य विधानसभा में पारित किया गया था और ये विशिष्ट लाभार्थियों (SC/ST) के लिए निर्धारित थे।
केंद्रीय योजनाओं जैसा मॉडल
अधिकारियों ने यह भी कहा कि यह तरीका प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं की तरह है, जहां विभाग विशेष समुदाय के लिए निधि प्रदान करते हैं।
साथ ही, यह भी बताया गया कि समाज कल्याण विभाग के SC बजट में 42% की वृद्धि की गई है, ताकि इन योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू किया जा सके और किसी अन्य योजना की राशि में कटौती न करनी पड़े।
राजनीतिक हलचल और आगे की राह
हालांकि सरकार की सफाई के बाद भी, यह मामला राजनीतिक रंग लेता दिख रहा है। शिवसेना के मंत्री का विरोध, सरकार की अंदरूनी खींचतान की ओर इशारा करता है। सवाल यह भी है कि क्या ऐसे बजट ट्रांसफर पारदर्शी तरीके से हो रहे हैं या फिर विभागीय स्वायत्तता प्रभावित हो रही है?
जनता के मन में यह चिंता है कि क्या SC/ST वर्ग की अन्य कल्याणकारी योजनाओं पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा?
निष्कर्ष: Ladki Bahin Yojana का उद्देश्य भले ही महिला सशक्तिकरण हो, लेकिन फंड आवंटन की पारदर्शिता और संतुलन सुनिश्चित करना भी उतना ही जरूरी है। सरकार और मंत्रियों के बीच के इस मतभेद ने योजना को राजनीतिक बहस का विषय बना दिया है।