बकरा, सुअर और बत्तख पालन से बढ़ रही है आमदनी मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना जानिए पूरी जानकारी
झारखंड सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना (Mukhyamantri Pashudhan Vikas Yojana) इन दिनों किसानों के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं हो रही है। खासकर पलामू जिले में इस योजना ने पशुपालकों की ज़िंदगी को एक नई दिशा दी है। बकरा पालन, सुअर पालन, बत्तख पालन, लेयर और ब्रॉयलर विकास जैसी योजनाओं के तहत किसानों को न केवल आर्थिक सहायता मिल रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

2024-25 में अब तक 97% लक्ष्य हासिल, हजारों को मिला लाभ
वित्तीय वर्ष 2024-25 में पलामू जिले में 2368 लाभुकों को योजना से लाभान्वित करने का लक्ष्य तय किया गया था, जिसमें से 2285 लाभुकों को DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से राशि प्रदान की जा चुकी है। इनमें से 1126 लाभुकों को पशुधन का वितरण भी हो गया है। शेष लाभुकों को भी अंशदान जमा करते ही योजना का लाभ प्रदान कर दिया जाएगा।
योजना का उद्देश्य क्या है?
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, झारखंड सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य है –
पशुपालकों की आमदनी बढ़ाना,
स्वरोजगार को बढ़ावा देना,
पशुधन का विकास करना,
और कृषि आधारित आजीविका को मजबूत बनाना।
इस योजना के अंतर्गत किसानों को निम्नलिखित पशुधन प्रदान किया जाता है:
बकरा विकास योजना – 4 फीमेल + 1 मेल बकरी
सुअर विकास योजना – 4 फीमेल + 1 मेल सूअर
बत्तख पालन योजना – डे ओल्ड बत्तख के बच्चे
बैकयार्ड लेयर योजना – 400 चूजे (Day-old chicks)
ब्रॉयलर योजना – 525 ब्रॉयलर चूजे
साथ ही, सभी लाभुकों को मनरेगा के तहत शेड निर्माण की सुविधा भी दी जाती है।
मुफ्त बीमा की भी सुविधा
इस योजना के तहत पशुपालकों के दिए गए पशुओं का एक वर्ष तक का मुफ्त बीमा भी किया जाता है। यदि किसी कारणवश पशु की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है, तो सरकार द्वारा आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाती है।
किसे मिलेगा कितना अनुदान?
SC/ST और विधवा महिलाएं – 90% अनुदान
अन्य श्रेणियों के लाभुक – 75% अनुदान
DBT के तहत लाभुकों के खाते में योजना की राशि भेजी जाती है। लाभुक जब अपना अंशदान जमा कर देते हैं, तब उन्हें संबंधित पशुधन का वितरण किया जाता है।
पलामू जिले में कैसे बंटा लाभ?
पलामू जिले के जिला पशुपालन पदाधिकारी श्री प्रभाकर कुमार के अनुसार अब तक की प्रगति निम्नलिखित है:
योजना | लक्ष्य | DBT | वितरण |
---|---|---|---|
बकरा विकास योजना | 1343 | 1290 | 634 |
बैकयार्ड लेयर योजना | 181 | 181 | 120 |
ब्रॉयलर योजना | 319 | 319 | 274 |
बत्तख योजना | 308 | 278 | - |
कई किसान हुए आत्मनिर्भर
इस योजना के जरिए मीना देवी, राजकुमारी, रामपुकार यादव, मानती देवी, बालों साव जैसे दर्जनों किसान अपनी आमदनी बढ़ा चुके हैं और अब दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा बन रहे हैं।
लाभुकों से अपील: जल्द करें अंशदान जमा
जिला प्रशासन की ओर से अपील की गई है कि जिन लाभुकों को DBT के तहत पैसा मिला है, वे जल्द से जल्द अपना अंशदान जमा करें, ताकि उन्हें पशुधन का वितरण किया जा सके। जैसे ही अंशदान पूरा होता है, तुरंत वितरण सुनिश्चित किया जाएगा।
कैसे करें आवेदन?
इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसान और पशुपालक अपने नजदीकी जिला पशुपालन कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। साथ ही, योजना की जानकारी झारखंड राज्य पशुपालन विभाग की वेबसाइट या लोकल सूचना केंद्रों से भी प्राप्त की जा सकती है।
निष्कर्ष: पशुपालकों की आय बढ़ाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, पशुपालकों को सिर्फ आर्थिक रूप से नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी आत्मनिर्भर बना रही है। कृषि के साथ-साथ पशुपालन को आय का मुख्य स्रोत बनाने में यह योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। सरकार की यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में मील का पत्थर साबित हो रही है।