Teacher New Qualification: अब टीचर बनने के लिए नहीं करनी होगी B.Ed, जानें क्या है नया ITEP कोर्स?
Teacher New Qualification: अगर आप टीचर बनने का सपना देख रहे हैं तो आपके लिए यह खबर बेहद जरूरी है। अब तक शिक्षक बनने के लिए B.Ed डिग्री अनिवार्य मानी जाती थी, लेकिन नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के लागू होने के बाद इस प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आ रहा है। सरकारी और निजी स्कूलों में अध्यापक बनने के लिए अब B.Ed की जगह एक नया कोर्स शुरू किया गया है, जिसका नाम है ITEP (Integrated Teacher Education Programme)।

B.Ed कोर्स क्या है और अब यह क्यों हो रहा है बंद?
B.Ed यानी बैचलर ऑफ एजुकेशन एक प्रोफेशनल डिग्री प्रोग्राम है, जिसे ग्रेजुएशन के बाद किया जाता है। इस कोर्स के ज़रिए छात्रों को शिक्षण से जुड़े कौशल और विधियों की ट्रेनिंग दी जाती है। लेकिन NEP 2020 के तहत इस कोर्स को अब चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जा रहा है, क्योंकि यह अब नए शिक्षा ढांचे के अनुरूप नहीं माना जा रहा।
ITEP कोर्स: नई पीढ़ी के शिक्षकों के लिए नया रास्ता
ITEP (इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम) को नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) द्वारा डिज़ाइन किया गया है। इस कोर्स को खासतौर पर स्कूल एजुकेशन के चार स्तरों - बेसिक, एलीमेंट्री, मिडिल और सेकेंडरी - के अनुरूप तैयार किया गया है।
यह कोर्स 12वीं के बाद शुरू होता है और इसमें छात्रों को एक साथ ग्रेजुएशन और शिक्षक प्रशिक्षण की पढ़ाई करवाई जाती है। यानि अब ग्रेजुएशन अलग और B.Ed अलग से करने की ज़रूरत नहीं होगी।
ITEP कोर्स की प्रमुख बातें:
- कोर्स की अवधि: 4 साल
- एडमिशन योग्यता: 12वीं पास छात्र
- डिग्री: ग्रेजुएशन + टीचर ट्रेनिंग एक साथ
- उद्देश्य: शिक्षकों को स्कूल एजुकेशन के सभी स्तरों के लिए तैयार करना
- अधिकारिता: राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE)
- पहले से शुरू हो चुका है: दिल्ली यूनिवर्सिटी के दो कॉलेजों में 2023 से
ITEP बनाम B.Ed – क्या है फर्क?
पहलू | B.Ed | ITEP |
---|---|---|
अवधि | 2 साल (ग्रेजुएशन के बाद) | 4 साल (12वीं के बाद) |
योग्यता | स्नातक के बाद | इंटरमीडिएट के बाद |
संरचना | अलग से टीचर ट्रेनिंग | ग्रेजुएशन + टीचर ट्रेनिंग एक साथ |
शिक्षा नीति | पुरानी शिक्षा नीति पर आधारित | NEP 2020 के अनुरूप |
निष्कर्ष: - Teacher New Qualification
अब अगर आप शिक्षक बनना चाहते हैं, तो B.Ed की बजाय ITEP कोर्स करना आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। यह न सिर्फ समय की बचत करता है बल्कि आपको आधुनिक शिक्षण पद्धतियों के अनुसार ट्रेनिंग भी देता है। आने वाले वर्षों में B.Ed की जगह यह नया कोर्स मुख्यधारा में आ जाएगा, इसलिए समय के साथ चलना जरूरी है।