त्रि-सेवा फ्यूचर वॉरफेयर कोर्स (FWC-02) का समापन: भारत की सेनाएं भविष्य की युद्ध रणनीतियों के लिए तैयार
भारत की रक्षा तैयारियों को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप ढालने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, त्रि-सेवा फ्यूचर वॉरफेयर कोर्स (FWC-02) का सफल समापन मानेकशॉ सेंटर, नई दिल्ली में हुआ। यह कोर्स 3 सप्ताह तक चला और इसका आयोजन एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय (HQ IDS) के तत्वावधान में किया गया, जिसे सेंटर फॉर जॉइंट वॉरफेयर स्टडीज़ (CENJOWS) द्वारा समन्वित किया गया।

इस कोर्स का उद्देश्य भारत की तीनों सेनाओं – थल सेना, नौसेना और वायु सेना – को अगली पीढ़ी की युद्ध रणनीतियों के लिए तैयार करना है। FWC-02 में केवल सैन्य अधिकारियों तक ही सीमित न रहकर, देश के प्रमुख रक्षा अनुसंधान संगठन DRDO के वैज्ञानिकों, रणनीतिक विशेषज्ञों, और पहली बार निजी रक्षा उद्योग के 15 प्रतिनिधियों, जिनमें स्टार्टअप्स और MSMEs शामिल थे, को भी आमंत्रित किया गया। यह ‘Whole of Nation Approach’ यानी राष्ट्रव्यापी समन्वय की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हुआ।
युद्ध की बदलती परिभाषाएं और भारत की तैयारी
कोर्स में विभिन्न डोमेन-विशिष्ट विषयों पर विस्तृत मॉड्यूल्स तैयार किए गए, जिनमें बदलते युद्ध के परिदृश्यों, तकनीकी प्रगति, और रणनीतिक योजना निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया। कोर्स के दौरान भारत और विदेशों के विशेषज्ञों के साथ इंटरैक्टिव सेशन्स हुए, जिससे प्रतिभागियों को आधुनिक युद्ध के बदलते आयामों की गहराई से समझ मिली।
इस बार का एक प्रमुख आकर्षण रहा निजी रक्षा उद्योग और सशस्त्र सेनाओं के बीच संवाद – इस इंटरैक्शन के माध्यम से निजी कंपनियों को पहली बार त्रि-सेना की वास्तविक परिचालन आवश्यकताओं की सीधी जानकारी प्राप्त हुई। विषयों में मिलिट्री आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ऑटोनोमस सिस्टम्स, ड्रोन और अनमैन्ड प्लेटफॉर्म्स, साइबर सुरक्षा, तथा एडवांस्ड मटीरियल्स जैसे अत्याधुनिक तकनीकी पहलुओं को शामिल किया गया।
रैंक से परे संवाद: एक अनोखा दृष्टिकोण
FWC-02 की एक विशेष बात रही इसकी 'रैंक-अgnostic' फिलॉसफी – इसमें मेजर से लेकर मेजर जनरल (या समकक्ष) रैंक तक के अधिकारी एक मंच पर विचार-विमर्श करते दिखे, जिससे एक खुला और रचनात्मक संवाद संभव हुआ। यह न केवल अनुभव और नवीन सोच के बीच संतुलन लाया, बल्कि रणनीतिक मुद्दों पर बहु-आयामी दृष्टिकोण विकसित करने में भी सहायक रहा।
पहले संस्करण की सफलता से मिला बल
FWC-02, सितंबर 2024 में आयोजित पहले संस्करण की सफलता पर आधारित था। इस बार कोर्स में सभी तीनों सेनाओं की सहभागिता और बड़ी संख्या में रक्षा संस्थानों की भागीदारी देखी गई। कोर्स की संरचना और उद्देश्य को देखते हुए यह माना जा रहा है कि भविष्य में ऐसे और कार्यक्रम आयोजित होंगे जो भारत को ‘फ्यूचर रेडी डिफेंस फोर्स’ की दिशा में अग्रसर करेंगे।
निष्कर्ष
FWC-02 भारत के रक्षा तंत्र में एक सोच का परिवर्तन है – जहां युद्ध की पारंपरिक समझ से आगे बढ़कर तकनीक, नीति, और निजी भागीदारी की त्रिसंधि पर नए विचार विकसित किए जा रहे हैं। यह कार्यक्रम इस बात का संकेत है कि भारत अब न केवल वर्तमान के लिए, बल्कि भविष्य के लिए भी अपनी सशस्त्र सेनाओं को रणनीतिक, तकनीकी और संरचनात्मक रूप से तैयार कर रहा है।