मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना 2025: किसानों को मिलेगा सस्ता लोन, जाने कैसे करें करें आवेदन
Mukhyamantri Krishak Samridhi Yojana 2025: उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और खेती को लाभकारी बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसी दिशा में एक नई योजना की शुरुआत की जा रही है – मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना 2025। इस योजना के माध्यम से राज्य के लघु एवं सीमांत किसानों को सस्ती दरों पर कृषि ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वे खेती में अधिक पूंजी निवेश कर सकें और अपनी आमदनी बढ़ा सकें।

मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना क्या है?
मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य किसानों को कम ब्याज दर पर दीर्घकालिक कृषि ऋण प्रदान करना है। इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा ब्याज पर सब्सिडी दी जाएगी, जिससे किसानों को ऋण की लागत बहुत कम हो जाएगी।
मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना का उद्देश्य
- किसानों को कर्ज के बोझ से राहत देना
- खेती में पूंजी निवेश को बढ़ावा देना
- कृषि उत्पादकता और किसानों की आय में वृद्धि करना
- सहकारी बैंकों और संस्थाओं को मजबूत बनाना
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 मई 2025 को सहकारिता विभाग की बैठक में योजना का प्रस्ताव शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि:
- नाबार्ड और सहकारी बैंकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
- ऋण वितरण क्षमता को बढ़ाया जाए।
- सहकारी शाखाओं का आधुनिकीकरण किया जाए।
- किसानों को टेक्नोलॉजी, लोन और मार्केटिंग तक पहुंच दी जाए।
योजना का संचालन कैसे होगा?
इस योजना का संचालन सहकारी ग्राम विकास बैंक के माध्यम से किया जाएगा। बैंक किसानों को 5 वर्ष या उससे अधिक अवधि का दीर्घकालीन ऋण उपलब्ध कराएगा। राज्य सरकार किसानों को ब्याज पर सब्सिडी प्रदान करेगी।
ब्याज दर की संरचना
विवरण | ब्याज दर |
---|---|
नाबार्ड से बैंक को ऋण | लगभग 8% |
बैंक द्वारा किसानों को ऋण | 5% – 7% (सरकार की सब्सिडी के बाद 3% – 5%) |
इससे किसानों को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध होगा और वह भी लंबी अवधि के लिए।
अब तक वितरित ऋण का आंकड़ा
उत्तर प्रदेश में 2017 से अब तक सरकार की ओर से:
- ₹11,516 करोड़ का फसली ऋण
- ₹393 करोड़ का दीर्घकालिक ऋण
- ₹23,061 करोड़ का कुल ऋण वितरण (2025 तक)
एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार
राज्य सरकार एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (AIF) और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के तहत गोदामों के निर्माण पर विशेष ध्यान दे रही है।
वर्ष | प्रस्तावित गोदाम | भंडारण क्षमता |
---|---|---|
2025–26 | 100 गोदाम | 1.17 लाख मीट्रिक टन |
अन्य योजना | 16 जिले | 500–100 मीट्रिक टन क्षमता |
सहकारी संस्थाओं में भर्ती प्रक्रिया
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सहकारी बैंकों में रिक्त पदों की भर्ती IBPS के माध्यम से शीघ्र की जाए। इससे सेवा गुणवत्ता में सुधार होगा और किसानों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।
किसानों के लिए नई सहकारिता नीति
सीएम योगी ने कहा कि सहकारिता ही किसानों की समृद्धि की कुंजी है। इसलिए:
- निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।
- विपणन और भंडारण में सहयोग किया जाएगा।
- सहकारी संस्थाएं पारदर्शी और किसान-केंद्रित बनाई जाएंगी।
किसानों को कैसे मिलेगा लाभ?
मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के माध्यम से:
- किसानों को कम ब्याज दर पर कृषि ऋण मिलेगा।
- ऋण की अवधि अधिक होगी जिससे भुगतान का दबाव कम होगा।
- खेती में आधुनिक तकनीक और संसाधनों की उपलब्धता बढ़ेगी।
- उत्पादन और आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि संभव होगी।
मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया कैसे होगी?
योजना लागू होने के बाद किसान ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए एक अलग पोर्टल या सहकारी ग्राम विकास बैंक की शाखाओं को आवेदन का केंद्र बनाया जा सकता है।
जरूरी दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- भूमि संबंधित दस्तावेज
- बैंक खाता विवरण
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पहचान पत्र (वोटर ID / पैन कार्ड)
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना 2025 उत्तर प्रदेश सरकार की एक क्रांतिकारी पहल साबित हो सकती है। यह योजना किसानों के लिए न केवल सस्ता कर्ज उपलब्ध कराएगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और कृषि क्षेत्र में स्थायित्व प्रदान करने की दिशा में एक ठोस कदम है। राज्य सरकार का यह प्रयास निश्चित ही कृषि क्षेत्र में एक नई ऊर्जा और गति लेकर आएगा।
📌 सुझाव: योजना से जुड़ी ताजा अपडेट, आवेदन की अंतिम तिथि और प्रक्रिया की जानकारी के लिए समय-समय पर उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट और सहकारिता विभाग की सूचनाएं चेक करते रहें।