बिजली बिल बढ़ने की सबसे बड़ी छुपी वजह: चार्जर और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस को स्विच में छोड़ देना पड़ सकता है भारी!
Electricity Bill Saving Tips | Phantom Load | Standby Power | चार्जर की गलती से बढ़ा बिजली बिलगर्मियों का मौसम आते ही बिजली का बिल कई गुना बढ़ जाता है। एसी, कूलर, पंखे और गीजर जैसे भारी बिजली खाने वाले उपकरण दिन-रात चलने लगते हैं। ऐसे में अधिकतर लोग सोचते हैं कि अगर एसी कम चलाया जाए या लाइट्स बंद रखी जाएं तो बिजली बिल में राहत मिलेगी। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी एक बहुत मामूली आदत—जैसे मोबाइल चार्जर को स्विच में लगे रहने देना—हर महीने आपको सैकड़ों रुपये का चूना लगा सकती है?

चार्जर लगा छोड़ना: मासूम सी गलती, लेकिन भारी भरकम बिजली बिल
अधिकतर लोग फोन चार्ज करने के बाद भी चार्जर को प्लग में ही लगा छोड़ देते हैं और सोचते हैं कि अब फोन नहीं जुड़ा तो बिजली भी खर्च नहीं हो रही। लेकिन असलियत इसके ठीक उलट है।
चार्जर प्लग में जुड़ा हो और स्विच ऑन हो, तो वो लगातार थोड़ी-थोड़ी बिजली की खपत करता रहता है—even अगर कोई डिवाइस उससे जुड़ा न हो। इसे तकनीकी रूप से "फैंटम लोड" या "स्टैंडबाय पावर" कहा जाता है।
फास्ट चार्जर = ज्यादा बिजली खर्च
आज के दौर में फास्ट चार्जर का ट्रेंड है, जो मिनटों में मोबाइल चार्ज कर देता है। लेकिन कम समय में ज्यादा पावर देने की क्षमता के कारण ये चार्जर सामान्य चार्जर की तुलना में अधिक बिजली खपत करते हैं। और अगर आप इन चार्जर्स को चार्जिंग के बाद भी प्लग में ही छोड़ देते हैं, तो ये बिना किसी काम के भी बिजली चूसते रहते हैं।
रिपोर्ट क्या कहती है?
एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि आप पूरे महीने चार्जर को स्विच ऑन अवस्था में छोड़ते हैं, तो वह प्रतिदिन 0.1 से 0.4 यूनिट तक बिजली की खपत कर सकता है। इसका मतलब है कि महीने के अंत में सिर्फ चार्जर की वजह से 3 से 12 यूनिट तक अतिरिक्त बिजली बिल में जुड़ सकती है।
अगर आपके घर में ऐसे 10-15 उपकरण एक साथ स्विच ऑन रहते हैं, तो यह खपत 50 से 100 यूनिट तक पहुंच सकती है। यानी आपके बिजली बिल में ₹500 से ₹1200 तक का अनावश्यक इजाफा!
'फैंटम पावर' खर्च करने वाले अन्य डिवाइसेस
चार्जर अकेला दोषी नहीं है, कई और डिवाइसेस भी हैं जो स्टैंडबाय मोड में बिजली खपत करते हैं:
टीवी और सेट-टॉप बॉक्स – बंद होने पर भी बिजली लेते हैं
माइक्रोवेव ओवन – टाइमर/डिस्प्ले मोड में बिजली लेता है
लैपटॉप और डेस्कटॉप अडॉप्टर – लगातार बिजली खपत करते हैं
वॉशिंग मशीन और डिशवॉशर – कंट्रोल पैनल के चलते बिजली की खपत होती है
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चार्जिंग के बाद चार्जर को प्लग से निकाल दें
मल्टीप्लग या पावर स्ट्रिप का इस्तेमाल करें और उपयोग के बाद एक ही बटन से सभी डिवाइसेस बंद करें
स्मार्ट प्लग या टाइमर का इस्तेमाल करें जिससे चार्जिंग समय निर्धारित किया जा सके
रात में सोने से पहले सभी डिवाइस अनप्लग कर दें
हर हफ्ते 5 मिनट का ‘पावर ऑडिट’ करें – कौन सा डिवाइस ऑन है, पता लगाएं और बंद करें
छोटी सी आदत, बड़ी बचत: हर महीने ₹1000 तक की कटौती मुमकिन
अगर आप सिर्फ चार्जर, टीवी, लैपटॉप जैसे स्टैंडबाय डिवाइसेस को नियमित रूप से बंद करना शुरू कर दें, तो हर महीने 5–10 यूनिट बिजली की बचत संभव है। यानी साल भर में ₹1,000 से ₹2,000 तक की बचत—वो भी बिना किसी विशेष मेहनत के।
निष्कर्ष: अब जब आप जान गए हैं कि आपके बिजली बिल का छुपा हुआ चोर कौन है, तो समय आ गया है इस आदत को बदलने का। अगली बार जब आप अपना फोन चार्ज करें, तो याद रखिए—चार्जिंग के बाद चार्जर को प्लग से निकालना न भूलें। एक छोटी सी जिम्मेदारी, जो आपके जेब और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद है।