India-New Zealand Free Trade Agreement 2025: भारत-न्यूज़ीलैंड एफटीए वार्ता का पहला दौर सफलतापूर्वक संपन्न, व्यापारिक संबंधों को मिलेगी नई ऊँचाई

Category: press-release » Post by: Jaswant Jat » Update: 2025-05-10

 भारत और न्यूजीलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को नई दिशा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, India–New Zealand Free Trade Agreement (FTA) के लिए वार्ता के पहले चरण का सफलतापूर्वक समापन हो गया। यह बैठक 5 मई से 9 मई 2025 तक राजधानी नई दिल्ली में आयोजित की गई थी।

India-New Zealand Free Trade Agreement 2025: भारत-न्यूज़ीलैंड एफटीए वार्ता का पहला दौर सफलतापूर्वक संपन्न, व्यापारिक संबंधों को मिलेगी नई ऊँचाई

यह ऐतिहासिक विकास उस साझा प्रतिबद्धता का परिणाम है, जो दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों – भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और न्यूजीलैंड के राइट होनरेबल क्रिस्टोफर लक्सन – के बीच मार्च 2025 में हुई मुलाकात के दौरान सामने आई थी। एफटीए की आधिकारिक शुरुआत 16 मार्च 2025 को भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पियूष गोयल और न्यूजीलैंड के व्यापार एवं निवेश मंत्री श्री टॉड मैक्ले के बीच हुई बैठक में की गई थी।

हर क्षेत्र में हुई रचनात्मक चर्चा

इस पहले दौर की बातचीत से पहले कई वर्चुअल बैठकों का आयोजन किया गया था, जिन्होंने इस आमने-सामने की मुलाकात के लिए आधार तैयार किया। नई दिल्ली में हुए इस वार्ता सत्र में व्यापार के कई अहम क्षेत्रों जैसे —

  • वस्त्र एवं सेवाओं का व्यापार

  • व्यापार सुगमता

  • आर्थिक सहयोग के लाभकारी सेक्टर — जैसे मुद्दों पर गंभीर और सकारात्मक चर्चाएं हुईं। यह दर्शाता है कि दोनों देशों के लिए यह समझौता रणनीतिक रूप से कितना महत्वपूर्ण है।

तेजी से बढ़ता व्यापारिक रिश्ता

भारत और न्यूजीलैंड के बीच व्यापार संबंध पिछले कुछ वर्षों में काफी तेज़ी से बढ़े हैं। वित्त वर्ष 2024–25 में दोनों देशों के बीच कुल मर्चेंडाइज ट्रेड USD 1.3 बिलियन तक पहुंच चुका है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 48.6% की वृद्धि दर्शाता है। यह तेजी से बढ़ता आंकड़ा इस बात का संकेत है कि भारत-न्यूजीलैंड आर्थिक साझेदारी में विशाल संभावनाएं छिपी हैं।

एफटीए से क्या होंगे लाभ?

  • व्यापार और निवेश के नए अवसर खुलेंगे

  • सप्लाई चेन इंटीग्रेशन को मजबूती मिलेगी

  • व्यवसायों के लिए एक भरोसेमंद और ट्रांसफॉर्मेटिव माहौल बनेगा

  • MSME और कृषि क्षेत्र को भी मिलेगा लाभ

भविष्य की रूपरेखा

दोनों देशों ने इस बात को दोहराया कि वे एक भविष्य-उन्मुख, संतुलित और पारदर्शी एफटीए की दिशा में काम करेंगे और वर्ष 2025 के अंत तक इसे अंतिम रूप देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस वार्ता का अगला चरण जुलाई 2025 में आयोजित किया जाएगा।

यह दौर भारत की वैश्विक व्यापार नीति की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत भारत विश्व स्तर पर "ट्रेड हब" बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। एफटीए जैसे समझौते भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान और आर्थिक शक्ति प्रदान करते हैं।