India Maternal Child Mortality Rate 2025: भारत में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में ऐतिहासिक गिरावट, SDG 2030 लक्ष्य के और करीब पहुंचा देश
नई दिल्ली, 10 मई 2025 (PIB): भारत ने मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में लगातार सुधार करते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्य SDG 2030 (Sustainable Development Goals) की दिशा में भारत की रफ्तार अब वैश्विक औसत से भी तेज हो गई है। Sample Registration System (SRS) Report 2021 के अनुसार, देश ने मातृ मृत्यु अनुपात (MMR), नवजात शिशु मृत्यु दर (NMR), शिशु मृत्यु दर (IMR) और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR) में जबरदस्त गिरावट दर्ज की है।

मुख्य आँकड़े (2014 की तुलना में 2021 तक):
मातृ मृत्यु अनुपात (MMR): 130 से घटकर 93 प्रति लाख जीवित जन्म
शिशु मृत्यु दर (IMR): 39 से घटकर 27 प्रति 1000 जीवित जन्म
नवजात मृत्यु दर (NMR): 26 से घटकर 19 प्रति 1000 जीवित जन्म
पाँच वर्ष से कम मृत्यु दर (U5MR): 45 से घटकर 31 प्रति 1000 जीवित जन्म
लिंगानुपात (Sex Ratio at Birth): 899 से 913 तक सुधार
कुल प्रजनन दर (TFR): 2.3 से घटकर 2.0 (स्थिर)
ये राज्य पहले ही SDG लक्ष्य हासिल कर चुके हैं:
MMR <= 70 लक्ष्य प्राप्त करने वाले 8 राज्य:
केरल (20)
महाराष्ट्र (38)
तेलंगाना (45)
आंध्र प्रदेश (46)
तमिलनाडु (49)
झारखंड (51)
गुजरात (53)
कर्नाटक (63)
U5MR <= 25 लक्ष्य प्राप्त करने वाले 12 राज्य/केंद्रशासित प्रदेश:
केरल (8)
दिल्ली (14)
तमिलनाडु (14)
जम्मू-कश्मीर (16)
महाराष्ट्र (16)
पश्चिम बंगाल (20)
कर्नाटक (21)
पंजाब (22)
तेलंगाना (22)
हिमाचल प्रदेश (23)
आंध्र प्रदेश (24)
गुजरात (24)
NMR <= 12 लक्ष्य प्राप्त करने वाले 6 राज्य/केंद्रशासित प्रदेश:
केरल (4)
दिल्ली (8)
तमिलनाडु (9)
महाराष्ट्र (11)
जम्मू-कश्मीर (12)
हिमाचल प्रदेश (12)
विश्व की तुलना में भारत की तेज़ प्रगति:
UN Maternal Mortality Estimation Inter-agency Group (UN-MMEIG) की रिपोर्ट (2000-2023) के अनुसार, भारत का MMR 86% कम हुआ है, जबकि विश्व स्तर पर यह गिरावट केवल 48% रही। इसी तरह UN IGME Report 2024 के मुताबिक:
भारत का U5MR 78% घटा, जबकि विश्व में 61%
NMR 70% घटा, जबकि विश्व में 54%
IMR 71% घटा, जबकि विश्व में 58%
सरकारी योजनाएं और नीतियों की भूमिका:
यह अभूतपूर्व प्रगति भारत सरकार की मजबूत नीतियों, जन-स्वास्थ्य कार्यक्रमों और समर्पित योजनाओं का परिणाम है:
प्रमुख पहल:
आयुष्मान भारत योजना: ₹5 लाख तक की स्वास्थ्य बीमा कवरेज
नि:शुल्क प्रसव सेवा: गर्भवती महिलाओं के लिए मुफ्त संस्थागत प्रसव, C-सेक्शन, दवाएं, जांचें, पोषण और परिवहन सेवा
मातृत्व गृह एवं MCH विंग्स, SNCU, NBSU, मदर-नवजात देखभाल यूनिट जैसी संरचनात्मक सुविधाएं
CPAP मशीन, एंटिनेटल स्टेरॉयड्स, हियरिंग और विजन स्क्रीनिंग जैसी आधुनिक चिकित्सा पद्धतियां
डिजिटल डेटा ट्रैकिंग और रियल-टाइम निगरानी प्रणाली के ज़रिए निर्णयों में सटीकता
निष्कर्ष:
भारत ने एक सुरक्षित मातृत्व और स्वस्थ बचपन की दिशा में बड़ी छलांग लगाई है। वर्ष 2030 तक SDG लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में देश की यह रफ्तार न केवल सराहनीय है, बल्कि वैश्विक उदाहरण भी बन चुकी है। यह उपलब्धि केंद्र और राज्य सरकारों के मजबूत सहयोग, स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत और सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देने की नीति का परिणाम है।